आज सुबह ही वह जल्दी उठ कर तैयार हो रहा था। पर दिमाग दो राहे पर खड़ा था।उसका रिज्यूम एक बड़ी कंपनी मे चयनित हो गया था और आज सुबह 10 बजे उसका साक्षात्कार (इन्टरव्यू) था। वह चयनित होगा या नहीं इसी ऊहापोह मे गोते लगा रहा था, दूसरा उसकी पत्नी का प्रसवकाल नजदीक था।सुबह ही पिता जी का फोन आया था भोर मे वीनू को प्रसव पीड़ा हौले हौले तेज हो रही थी।उसकी स्थिति इधर कुआं उधर खाई सरीखी थी, एक मन कहता साक्षात्कार छोड़ वह घर चला जाए, मन मे एक अजीब सी छटपटाहट थी, पहली बार पिता