उस सुबह की प्रेयर के बाद धर्म चर्चा करते हुए फादर डिसूजा बोल रहे थे -"जीसस ने कहा है कि तुम तभी मेरे प्रभु के राज्य में प्रवेश कर पाओगे जब तुम छोटे बच्चे की भांति हो जाओ। ....अर्थात हम बच्चे की उस आंतरिक अवस्था में हो जायें,जब बच्चा होता ही नहीं, मां ही होती है-और बच्चा मां के सहारे ही जी रहा होता है। न उसमें हृदय की धड़कन होती है,न उसका अपना मस्तिष्क होता है-बच्चा पूरा समर्पित, मां के अस्तित्व का अंग होता है। ....ठीक ऐसी ही स्थिति निश्छल ध्यान योग की है। आप शांत हो जाते हैं।