वो माया है.... - 97

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(97) ललित के पहुँचने पर पुनीत ने उसकी तरफ देखा। ललित ने शिकायत भरी नज़रें उस पर डालीं। उसकी शिकायत को समझ कर पुनीत ने अपनी आँखें फिर से झुका लीं। कांस्टेबल ललित को पुनीत के बगल में बैठाकर चला गया। ललित ने देखा कि साइमन और उसके दोनों साथियों की निगाहें उसके ऊपर ही जमी हुई हैं। उसे डर लगा पर उसने अपनी हिम्मत को बचाए रखने की कोशिश की। साइमन ने कहा,"जो मूर्ति तुम लोगों के पास मिली थी वह तुम्हारे समाज के देवता मुराबंध की है।"ललित ने पुनीत की तरफ देखा। वह उसी तरह नज़रें झुकाए बैठा