साथिया - 18

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अक्षत की कार सड़क पर दौड़ रही थी। " नील अब हम यूनिवर्सिटी से निकलने वाले है अब ये लड़ाई झगड़े बन्द भी कर दे।" अक्षत बोला। " मैं कब लड़ता हूँ वो अब खुद ही आकर उलझता है तो इतना कॉंट्रोल नही मुझ में कि बदतमीजी पर भी शांत रहूँ।" नील ने कहा। " ये बेवजह के झगड़े कभी कभी न बेकार की प्रोबलम खड़ी कर देते है।" अक्षत ने नील को समझाया। " अब मैं नही हूँ तेरे जैसा कि खुद को इतना कॉंट्रोल कर सकूँ। आ जाता है गुस्सा।" नील बोला। " गुस्से को काबू जो कर