ऐसे बरसे सावन - 18

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आज स्वरा आई हैं इस बात का तो पता हैं इसलिए थोड़ी संतुष्टि हैं पर वह कहां हैं दिखाई क्यों नहीं दे रही हैं पीछे दूर तक लंबी लाइन हैं पर वह पीछे मुड़कर नहीं देख सकता क्योंकि उसके पीछे ही उसका दोस्त स्वास्तिक बैठा था जिसने मानो उसी पर अपनी नजरें टीका रखी हो अगर वह इधर-उधर अपनी गर्दन घुमा कर स्वरा को खोजता हैं तो उसे स्वास्तिक के सवालों का जबाब देना पड़ेगा जो वह अभी बिल्कुल भी नहीं चाहता है l अब आगे-इसलिए उदास मन से योग पर ध्यान लगाने की कोशिश करता हैं पर उसका मन