अम्मा मुझे मना मत करो - भाग - 1

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रामदीन अपने गाँव की एक सुंदर-सी लड़की वैजंती से प्यार कर बैठा था। वह हर रोज़ वैजंती के घर के सामने से निकलता; एक बार नहीं, कभी-कभी तो दो तीन बार भी। जब तक वैजंती उसे दिखाई नहीं देती वह उसे रास्ते के पीछे ही पड़ जाता। वैजंती भी धीरे-धीरे समझने लगी कि यह लड़का उसी के लिए इस तरफ़ के चक्कर लगाता रहता है। धीरे-धीरे वैजंती को भी उसका इंतज़ार रहने लगा। जब तक वह भी रामदीन को ना देख ले उसका मन शांत नहीं होता। एक अजीब-सी बेचैनी उसे परेशान करती रहती। अब रोज़-रोज़ के आने-जाने से रामदीन