(राजवीर और बेला को एक साथ देख कर गौरी का दिल भर आया था, वह रात भर रोती रही और अपने माँ-पापा को याद करती रही, उसे अभी तक समझ नहीं आया था आखिर राजवीर ने उससे शादी किया ही क्यूँ था जब की वो किसी और से प्यार करता हैं, वो इन सवालों में उलझकर कर रह गयी थी, समझ नहीं आ रहा था क्या करे लेकिन उसने यहाँ से जाने का मन बना लिया था, उसने रात को ही ध्रुव के नाम एक खत लिखा-"ध्रुव, आशा करती हूँ सब कुशल मंगल हैं, मेरे माँ-पापा का ख़्याल भी तुमने