साथिया - 11

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" घर चलो चाय पी कर निकल जाना। मम्मी पापा से भी मिल लेना।" शालू बोली।" फिर कभी आ जाऊंगा। आज देर हो गई है और अब तक तो उस भूतनी ने अच्छा खासा रायता फैला दिया होगा। अब मुझे जाकर सब के सवालों के जवाब देने होगें।" ईशान ने कहा तो शालु ने आंखे छोटी करके देखा ।"मतलब तुमने सुना था ने कि रास्ते में क्या कह रही थी? इसी बात का अच्छा खासा बखेड़ा खड़ा खड़ा किया होगा उसने। वैसे भी जब तक वह मेरी टांग खिंचाई नहीं कर दे उसका खाना ही नहीं पचता है। जरूर मम्मी