अभी कल परसों की बात

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"अभी कल परसों की बात" , जब मिला था पहला नजराना,वो नजरों का नजरों से टकराना,और फिर प्यार की शुरुआत, वो समय लगता हसीं और प्यारा चाहे हो आधी रात , अभी कल परसों की बात।दिल में छुपे थे अनगिनत ख्वाब, हो रहे थे अब सब जतन,बदल गई थी जिंदगी,मेरे सीने में बज उठा था मृदंग।पहली मुस्कान में, बिखरा था सारा जहाँ,प्यार का इकरार अब , था लबो पे हर पल का भरोसा कहां?लेकिन समय ने बदला सब,हुआ दर्द से सामना,इश्क़ का सफर, हर मोड़ पर ले आता था नई कामना।ब्रेकअप के अलम में, रातें हुई बेरंग,आँसुओं के साथ, बिखरा