हॉरर मैराथन - 33

  • 3k
  • 1.3k

भाग 33 इस बार मीनू, राघव, अशोक और साहिल में कोई कुछ नहीं बोल रहा था। सभी मानसी की कहानी में खोए हुए थे। इसलिए मानसी ने अपनी कहानी को जारी रखा। दादी : मुस्कान जो आ गई हैं, मुस्कुराहट तो रहेगी ही ना ? कुछ दिन तू भी उसके साथ समय बीता ले तेरा यह खड़ूस चेहरा भी मुस्कुराने लगेगा। विमलेंद्र : कौन मुस्कान ? दादी : वही जिसे तूने मेरी देखभाल के लिए रखा है। विमलेंद्र : ओह... दादी मैं उनसे नाम पूछना तो भूल ही गया था। मुझे वह ईमानदार और मेहनती लगी तो मैंने बिना किसी