वो बिल्ली - 20

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(भाग 20) अब तक आपने पढ़ा कि शोभना की बातों के कारण उस डरावने चेहरे वाली औरत ने यह महसूस किया कि वह अब तक व्यर्थ ही लोगों से बदला लेकर अकेली घर में भटक रही है। वह अपने अतीत के बारे में शोभना को बताती है। अब आगें... अस्पताल में दिन बीत रहे थे। मैं जीना नहीं चाहती थीं। अंदर से पूरी तरह टूट कर बिखर चूंकि थी। जीवन को लेकर मन में कोई उत्साह ही नहीं था। मैं स्वस्थ्य होकर अपने घर लौटना नहीं चाहती थी। रोज़ यहीं प्रार्थना किया करती थी कि भगवान मुझें भी अपने पास