(भाग 14) अब तक आपने पढ़ा कि शोभना उस भटकती हुई क्रोधित आत्मा की वेदना को महसूस करते हुए कुछ प्रश्न करती है, जिन्हें सुनकर डरावने चेहरे वाली उस आत्मा के हावभाव बदलने लगते हैं। अब आगें... शोभना ने निडर होकर अपनी बात जारी रखते हुए कहा - " दोस्त की परिभाषा तो यहीं होती है जो आपके साथ हर हाल में अपना रिश्ता निभाए। आप जैसे है वह आपको उसी रूप में स्वीकार करें, यदि आपमें कोई कमी हैं या आप किसी बुरी आदत के शिकार हैं तो वह आपकी उस आदत को छुड़वाए न कि आपको छोड़कर चला