वो बिल्ली - 2

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(भाग 2) शोभना को अब यह लगने लगा था कि उसे कोई दिमाग़ी बीमारी हो गईं हैं । उसने इस बारे में रघु से भी बात की जिसे रघु ने मजाक में उड़ाकर टाल दिया । एक शाम की बात हैं । शोभना आँगन में बने तुलसी क्यारे के यहाँ दीपक लगा रहीं थीं । आँख बंद करके वह प्रार्थना कर रहीं थीं। जैसे ही उसने अपनी आँखें खोली वह भौचक्की रह गईं । वहीं महिला जो अक़्सर शोभना को दिखाई देती थीं अब शोभना के ठीक सामने बैठी हुई थीं। उसका चेहरा रूखा हुआ था, बाल ऐसे उलझें हुए