अन्धायुग और नारी--भाग(२८)

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प्रोफेसर मार्गरिटा थाँमस शिक्षिका के अलावा समाजसेवी भी थीँ,वें "वुमेन्स फ्रीडम"नाम से एक संस्था चलातीं थीं,जहाँ महिलाओं का मुफ्त इलाज होता था,ख़ासकर उन महिलाओं का जिनका कोई नहीं होता था जैसे कि वेश्याएंँ और तवायफ़े,वें महिलाएंँ जो उम्र के उस पड़ाव पर पहुँच जातीं थीं जब उनके पास ना तो हुस्न बचता था और ना ही जवानी,उनमें से अधिकतर तो गुप्तरोग की शिकार हो जातीं थीं और ऐसी महिलाओं को मार्गरिटा थाँमस की संस्था में पनाह मिल जाती थी,ऐसी महिलाओं के इलाज के लिए मार्गरिटा थाँमस ने खासतौर पर एक अंग्रेज डाक्टर को बहुत ही मोटी पगार पर अपनी संस्था