सुख की खोज - भाग - 9 - अंतिम भाग

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रौनक के मुंह से यह सुनकर कि 'तुमने उसे क़सम देने में बहुत देर कर दी' कल्पना चौंक गई। उसने पूछा, तुम यह क्या कह रहे हो रौनक? "कल्पना उसने तो उनका अंश तुम्हारे शरीर में आते से ही तुम्हारे पापा-मम्मी के घर को छुड़ा लिया था, जो अब तक गिरवी रखा था। पर यह मेरी समझ से बाहर है कि यह बात स्वर्णा कैसे जानती है," रौनक ने प्रश्न किया। "हे भगवान यह तो मैंने उसे पढ़ाई करते समय स्कूल में यह कहते हुए बताया था कि मेरी पढ़ाई के लिए मेरे पापा ने मकान तक गिरवी रख दिया