रामेश्वर भट्ट का पश्चात्तापइधर तुकाराम महाराज विट्ठल भगवान् के सामने धरना देकर प्राण देने का संकल्प करके पड़े थे, उधर बाघोली में उनको कष्ट देने वाले रामेश्वर भट्ट पर आकस्मिक संकट आ गया। वह अपने निवास स्थान से कुछ मील दूर ‘रामनाथ’ के दर्शनों को जा रहा था। रास्ते में 'अनगढ़ सिद्ध' नामक औलिया फकीर का स्थान था, जिसमें एक बावड़ी बनी हुई थी। रामेश्वर भट्ट ने जैसे ही इस बावड़ी में स्नान किया, उसके शरीर में भयंकर खुजली और जलन-सी होने लगी। किसी ने कहा– “यह 'औलिया' का कोप है.” और किसी ने कहा, “यह तुकाराम से द्वेष करने