ऐसे बरसे सावन - 11

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अधीरा उन लड़कों से कुछ बोलती उससे पहले ही अभिराम वहां पहुंच जाता है lऔर उन लड़कों से - ( रोबिली आवाज में) हां भाई ,क्या कोई दिक्कत है ?(उसकी रौबीली आवाज सुनकर) लड़के सहम जाते हैं और कहते हैं , "नहीं भाई साहब कोई दिक्कत नहीं है और तुरंत वहां से खिसक लेते हैं l"उस वक़्त अभिराम के मन मे उन लड़कों को लेकर बहुत गुस्सा था पर वह माहौल की नजाकत देखते हुए कोई तमाशा नहीं करना चाहता था lरात्री के समय जब सारा शहर रोशनी से जगमगा रहा था वहीं अभिराम के मन में स्वरा की याद