तंत्र-योग

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बीज से पौधा, पौधे से पेड़, पेड़ से फल और फिर, फल से बीज बनता है ये आज का विज्ञान कहता है और आध्यात्म पहले से कहता आ रहा है | धरती या हमारा सौरमंडल क्योंकि इस ब्रह्माण्ड का हिस्सा हैं अतः यहाँ सब कुछ वैसे ही होता है जैसे हमारे ब्रह्माण्ड में हो रहा है | सब कुछ घूम कर वापिस आता है | जैसे रात के बाद दिन, गर्मी के बाद सर्दी | जंगल इसी circular motion के सिद्धांत पर बढ़ते हैं जब तक कि हम उसे बर्बाद नहीं करते | अगर यह सब प्रकृति कर रही है