घर आया तो मैंने बेबे और पापाजी को कहा : "बेबे सिमरजीत के हम लायक नहीं है वो बहुत ऊंचे सोच की लड़की है उसकी ख्यालात हम लोगों से बहुत जुदा है, ..!!बेबे : " इक घंटे की मुलाकात से कि मलूम होंदा पुत्तर जी, ब्याह से पहले सभी कुड़ियां नू पसंद ना पसंद दिमाग घुटने नाल चालया सी ते ये सिमरजीते हे , तू फिक्र ना कार मैनू मीता से गल कार के सब ठीक कर देनी है ...!!मैंने कहा : "बेबे आप बात नहीं करेंगी अब जो करना है मुझे करना है ,,मैं कल वापस बैंगलोर जा रहा