सिद्धार्थ रेलवे जंक्शन पर अंकिता को चारों तरफ ढूंढता है और जब उसे शक होता है कि शायद अंकिता इसी ट्रेन में चढ़ गई है तो वह भी उस ट्रेन में चढ़ जाता है।प्यार में दिल पर चोट खाई अंकिता को रेलवे स्टेशन पर उतर कर अगल डिब्बे में ढूंढते ढूंढते चार रेलवे स्टेशन निकल जाते हैं और फिर अंकिता बहू ढूंढने के बाद सिद्धार्थ को एक डिब्बे में मिल जाती है, लेकिन जब दुखी अंकिता रेल से उतरने को कतई भी तैयार नहीं होती है तो इस मुसीबत के में जब सिद्धार्थ को कुछ भी समझ नहीं आता है,