कुरुक्षेत्र की पहली सुबह - 47

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47.तप है जीवन अर्जुन का जीवन एक तरह से श्रीकृष्ण के सानिध्य में ही बीता है। द्वारका आने के बाद श्री कृष्ण का हस्तिनापुर की राजनीति पर गहरा प्रभाव रहा है और पांडव अनेक प्रश्नों तथा समस्याओं पर उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करते रहे हैं। स्वयं श्रीकृष्ण का जीवन एक तप है। जन्म होते ही मथुरा के घर से गोकुल विस्थापित हो जाना, दोबारा मथुरा में घर प्राप्त होने पर उस नगर का ही विस्थापित हो जाना और द्वारिका में रहते हुए भी सदा जनकल्याण और पूरे भारतवर्ष में एक सुदृढ़ शासन व्यवस्था की स्थापना के किए जा रहे भ्रमणशील कर्मयोगी