32.सामर्थ्य की लक्ष्मण रेखा अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा, इस महाभारत के युद्ध में एक से बढ़कर एक महाबलशाली योद्धागण एकत्र हुए हैं। हे प्रभु आप इन बलवानों में किस रूप में विद्यमान हैं? श्री कृष्ण ने अर्जुन के रथ की ध्वजा की ओर संकेत करते हुए कहा, "मैं बलवानों का सामर्थ्य हूं अर्जुन! सामर्थ्य भी ऐसा जिसमें किसी वस्तु को लेकर आसक्ति न हो और जो कामनाओं से रहित हो। अपने रथ की ध्वजा देख रहे हो अर्जुन! राम भक्त हनुमान स्वयं तुम्हारे रथ की ध्वजा पर विराजमान हैं। जहां राम वहां राम भक्त हनुमान। हनुमान सामर्थ्य के