22. तू हर जगह यह स्थिर न रहने वाला और चंचल मन जिस-जिस शब्दादि विषय के माध्यम से संसार में विचरता है, उस-उस विषय से रोककर अर्थात हटाकर इसे बार-बार परमात्मा में ही लगाएँ। अर्जुन ने पूछा: हे प्रभु! आप बार-बार आत्मा और परमात्मा की बात करते हैं। क्या संसार में केवल अपनी आत्मा और परमात्मा का ही सीधा संबंध है?ऐसे में अन्य चराचर प्राणियों की क्या स्थिति है? भगवान श्री कृष्ण ने कहा: परमात्मा तत्व की यही तो सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषता है कि परमात्मा एक के जितने हैं, उतने ही दूसरे के भी हैं और उतने ही सबके हैं।