सुख की खोज - भाग - 3

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स्वर्णा सोच रही थी कि बच्चे को जन्म देने के बाद आकाश की ऊँचाई को छू रहा उसका कैरियर कटी पतंग की तरह नीचे आ गिरेगा। उसके चाहने वाले दर्शक जितना उसके अभिनय को पसंद करते हैं उससे कहीं ज़्यादा उसकी खूबसूरती के दीवाने हैं। इन्हीं ख़्यालों में खोई स्वर्णा एक दिन अचानक नींद से जाग कर उठ बैठी। तभी उसे कल्पना की याद आई। उसे याद आया कल्पना की शादी को अभी कुछ ही समय बीता है। उसके विवाह पर स्वर्णा भले जा ना पाई थी पर खूबसूरत फूलों के कीमती गुच्छे के साथ उसका बधाई संदेश कल्पना तक