सुनसान है रास्ता...

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मध्यरात्रि हो चुकी है l इस समय ऊपर आसमान में अँधेरा कुछ इस तरह मंडरा रहा है जैसे पुरे शहर पर अपना अस्तित्व स्थापित करना चाहता हो, शुक्र है स्ट्रीट लाइट जल रही है उस घने अंधरे को टक्वकर देते हुए, वर्ना आज की रात यह अंधरा किसी न किसकी को अपने भीतर समेट लेगा l शहर की एक सड़क जो सीधे एक अंडरब्रिज से मिलती है, वहां से एक बुढा आदमी चलते चला जा रहा है l पीठ से झुका हुआ, पुराना कुर्ता-पायजामा पहने, पैरों में हवाई चप्पल। बाल बिखरे हुए, दाढ़ी बढ़ी हुई। वह कपड़े की एक गठरी