भरोसा - भाग 3

  • 4.2k
  • 1.9k

भाग - ३ बुधिया युं हि अपने खयालो में उलझी हुई अपने घर पर पहुंची थी. उसका दिल कुछ कह रहा था और दिमाग कुछ और. वह कभी यह सोचती कि गलत नंबर लग गया होगा, तो कभी सोचती चाची कि बात सही तो नही है. बेचारी दिन भर उस बात से परेशान होकर रह गयी. शाम को जब चाची खेत से घर लौट आयी तो बुधिया चाची के घर पर गयी. वहां जाकर उसने चाची को पुकारा, “ चाची ओ चाची,” घर के भीतर से चाची ने आवाज लगाई, “ हा बीटीया आयी.” कहकर चाची घर के बाहर आयी.