प्रेम दीवानी आत्मा - भाग 2

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सिद्धार्थ खुद नहीं समझ पा रहा था कि अंकिता के प्यार में, मैं इतना पागल कैसे होता जा रहा हूं कि मैं अंकिता के दिल की बात जाने बिना उससे अपने प्रेम का इजहार करने के लिए बेकरार हो रहा हूं, किंतु सिद्धार्थ जितना भी अपने पर नियंत्रण कर रहा था, उतना ही उसकी बेचैनी बढ़ रही थी कि मैं जल्दी से जल्दी अंकिता से कहूं कि "मैं तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करता हूं और अगर आप मुझे नहीं मिली तो मैं अपनी जान दे दूंगा।"तभी छत के सन्नाटे भरे माहौल में अचानक एक तेज हवा का झोंका सिद्धार्थ के पास