में और मेरे अहसास - 89

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नील गगन ने बहुत कुछ सिखा दिया l उदास मुखड़े को हसना सिखा दिया ll   पूनम की मिलन की रात में सखी ने l मुहब्बत का शीतल जाम पिला दिया ll   जिंदगी तो मुसलसल एक सफ़र है l  हमराही बनाकर साथ निभा दिया ll   दिलों जान से चाहत लुटाते आ रहे हैं l खामोशी से पलकों को बिछा दिया ll   जानते हैं वज़ह तड़प ओ तरस की तो l जुदाई के पलों का हिसाब गिना दिया ll १६-१०-२०२३      महफिल में खुशियों के बादल छाने लगे हैं l इश्क़ ने कहा कि वो नज़्म गाने