प्रकृति, मानव और धरती उपन्यास शरोवन *** 'ज़िन्दगी की प्यार की संजोई हुई हसरतों पर जब अचानक ही बिगड़ी हुई किस्मत की आंधी अपना प्रभाव दिखाने लगे तो उम्मीदों के सपने चटकते देर नहीं लगती है। ऐसा जब भी होने लगता है तो मनुष्य का दिल तो टूटता ही है, साथ ही उसके आगे चलने का वह रास्ता भी समाप्त हो जाता है, जिस पर चलते हुये वह कभी अपनी जीवन नैया का ठिकाना पा लेना चाहता है। जीवन की वास्तविकता को सामने पाकर तब मनुष्य यह सोचने पर विवश हो जाता है कि धर्मग्रंथों में जो लिखा है, वह सब मानव