कलयुगी रावण

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रावण का नाम आते ही हमारे मन में माता सीता को जंगल से हरण कर ले जाने वाले मायावी राजा रावण की संकल्पना आंखों के सामने तैरने लगती है। बावजूद इसके कि रावण भगवान भोलेनाथ का परम भक्त, प्रकांड विद्वान, बलशाली किंतु राक्षस कुलधारी होने के साथ लंका का राजा था। सामान्यतया यदि हम विचार करें तो उसकी प्रवृत्ति ही राक्षसी थी, लंकाधिपति होने का दंभ था, मायावी थी। हठी, जिद्दी भी था। लेकिन उसे अपने कर्मों का दंड तो भोगना ही पड़ता। इतना सब होने के बाद भी उसे भगवान राम के हाथों मरकर मोक्ष भी मिला जिसका सौभाग्य