मंजिल अपनी अपनी - 2

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घसीटा बोला था और गौर करता हुआ बोला वाकई में लाजवाब है ।नीला लाल फूलों तो जैसे कपड़ों पर रखे हुए लगते हैं और इन चारों कोनों पर सूरज लिखा है बिना चंदा के सूरज अधूरा है। चंदा बोली अब ज्यादा मत बातें बनाओ। मैं तो शॉपिंग के लिए कब से तैयार बैठी हूं। हाथ पकड़ते हुए बोली चलो अब। सूरज बोला चाय।चंदा बोली क्या चाय पियोगे?सूरज बोल पिला दो तुम्हारा राज के गुणगान गाएंगे।चंदा बोली फिर वही झूठी चापलूसी।तो फिर और किसकी चापलूसी काम आएगी तुम चाय बनाओगी तब तक मैं जरा सज धज लूंगा। क्रीम पाउडर लगा लूंगा।