पर जया आई ही नही, क्या हुआ होगा उसे उसकी तो सारी खुशियाँ धरी रह गई, कुछ समझ नही आ रहा था, आनन्द बेचैन हो गया उसका दिल ही नही लग रहा था किसी काम मे , बार बार जया को फोन मिलाता पर जया का फोन लगा ही नही ,अनगिनत बार फोन किया, तभी उसके फोन की घंटी घनघना गई आवाज भी पूरी खोल रखी थी आनन्द ने ,जैसे ही घ॔टी बजी सारा स्टाफ आनन्द को देखने लगा, और आनन्द शर्मसार हो गया , आनन्द गुस्से मे था और चिढ़कर बोला ,बोलादिन के एक बज गये थे न उसका