हमारे घर से करीब 10 किलोमीटर दूर एक कब्रिस्तान है उसके बगल में एक सदियों पुराना घर है जिसके अंदर जाने की जरूरत कोई नहीं करता है उस घर के बारे में मैं तो कुछ ज्यादा नहीं जानता हूं लेकिन गांव के लोगों का यह मानना है कि इस घर में बहुत पहले एक बुढ़िया रहा करती थी वह बहुत ही गरीब थी उसका एक ही बेटा था । जिसका नाम दुलरूल था। वह बहुत ही चलाकर बुद्धिमान था उसकी मां उसके पढ़ाई के खर्चे जैसे तैसे खेतों में मजदूरी करके लाया करती थी दुलरूल के पिता एक कहानीकार थे