फादर्स डे - 78

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लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 78 सोमवार 13/02/2017 सूर्यकान्त भांडेपाटील की सुबह रोज की आदत के मुताबिक अखबार और चाय के कप के साथ हुई। उसकी खोजी नजरें खबरों के महासागर में से कोने में दबी छिपी, अधम वृत्ति के शिकार हुए संकेत को खोजती थीं। वह नए लहू को गिरफ्तार करवाने के लिए दृढ़संकल्प था। कुछ दूर पर खड़ी प्रतिभा शांति से चाय का कप हाथ में पकड़कर उसको देख रही थी। अब, चाय का कप टीपॉय पर छोड़ने की जगह उसे इंतजार करना अच्छा लगने लगा था। पति ने इतना बड़ा सेवायज्ञ करने का व्रत लिया हो तो फिर