फादर्स डे - 77

  • 1k
  • 420

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 77 शनिवार 24/05/2015 ऐसे ही एक दारू की दुकान में पियक्कड़ दत्तात्रय और लहू की मुलाकात हो गई। दत्तात्रय का डीलडौल लहू से मेल खाता था। उस पर से दत्तात्रय को पीने की जबर्दस्त लत थी। लहू मन ही मन खुश हुआ। काम के लायक शिकार गांठने में ईश्वर ने उसकी मदद कर दी थी। लहू ने दत्तात्रय के साथ दोस्ती करना शुरू की। धीरे-धीरे औपचारिक बातचीत पक्की दोस्ती में बदल गई। संबंध मजबूत करने का एकमात्र रास्ता दारू के ग्लास से होकर जाता था। लहू उदार मन से दत्तात्रय को रोज दारू पिलाने लगा। साथ