फादर्स डे - 74

  • 492
  • 132

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 74 शनिवार 28/02/2009 पुलिस द्वारा उमेश जाधव को रिहा कर देने के कारण अंकुश दलवी को यकायक आघात-सा लगा। उसने यह बात सूर्यकान्त को फोन करके बताई, लेकिन सूर्यकान्त को इस पर अधिक आश्चर्य नहीं हुआ। हत्या का संदिग्ध आरोपी यदि भाग जाता तो पुलिस की बड़ी बदनामी होती इसलिए पुलिस ने शायद यह विचार किया होगा कि पहले अधिकाधिक सबूत और गवाह जुटा लिए जाएं, उसके बाद आगे बढ़ा जाए-सूर्यकान्त ने इस तरह से सोचा। लेकिन तब तक यदि संदिग्ध आरोपी भाग गया तो? कहीं जाकर छिप जाए तो फिर कहीं उसे ढूंढ़ने में कानून