फादर्स डे - 66

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लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 66 सोमवार 17/07/2000 एक बार फिर कलमुंहा सोमवार आ गया। संकेत अपहरण कांड का घटनापूर्ण, नाटकपूर्ण और धक्कादायक सोमवार। सुबह से ही सब बेचैन थे कि संकेत के बारे में क्या सुनने को मिलने वाला है। वो किस हाल में होगा? लेकिन सूर्यकान्त को नींद से जगाने की हिम्मत किसी में भी नहीं थी। अब, उसको जल्दी जगाओ, ये इच्छा हर किसी के मन में थी। बाद में फिर सो जाए...पर वह संकेत के बारे में बताने के लिए कुछ देर के लिए जाग जाए। ग्यारह बज गए। प्रतिष्ठित लोगों ने आना शुरू कर दिया था।