लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 63 मंगलवार 18/07/2000 सुबह के साढ़े चार बज गए लेकिन अभी-भी लहू अपने मुंह से सच बोलने को तैयार नहीं था। उसी समय सातारा पुलिस की गाड़ी आकर रुकी। हुआ यूं कि लहू को लेकर निकली जीप और काली सुजुकी समुराई अंकुश को रास्ते में गच्चा देकर किसी और ही तरफ मुड़ गई थी इसलिए अंकुश ने जेजुरी पुलिस स्टेशन की तरफ दौड़ लगाई थी और पुलिस चौकी में पहुंचकर उसने रोना-धोना मचा दिया था कि सूर्यकान्त भांडेपाटील ने उसके भाई यानी लहू रामचन्द्र ढेकणे का अपहरण कर लिया है। जांच-पड़ताल के नाम पर उनकी तरफ