फादर्स डे - 61

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लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 61 शुक्रवार 14/07/2000 आज त्यौहार का दिन था। बैलों का उत्सव-पोला। किसान का सबसे बड़ा पर्व। सुबह नहला-धुला के, सिंगों को रंगरोगन करके, झालर घंटियों से सजाकर बैलों की पूजा करने के बाद उन्हें मिष्टान्न खिलाकर उनके हक की छुट्टी देकर आराम करने दिया जाता है। किसान के ईष्ट की पूजा करने का दिन होता है बैलपोला। सूर्यकान्त के घर पर भी खेती-बाड़ी और बैल होने के बावजूद उसके मन में या ध्यान में इस त्यौहार की याद नहीं थी। उसका सिर तो भयंकर क्रोध से भनभना रहा था। उसे कहीं जाने की जल्दी तो अवश्य