मनोकामना माँ की नवरात्रि का पर्व चल रहा था। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती थी। सभी सामने से माता जी की स्नेहमय प्रतिमा के दर्शन कर, बहुत खुश हो रहे थे। सप्तमी के दिन वनिता जी भी अपने बहू और पोते के साथ मंदिर गई थीं। सभी को अप्रतिम आनंद आ रही थी।सभी भक्तगण हाथ में दीया ले कर आरती कर रहे थे।भक्ति की लहर बह रही थी। आरती समाप्त होने के बाद भजन कीर्तन पूजन प्रारम्भ हो गया था।लाउडस्पीकर पर सतत भजन कीर्तन वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे। आरती के पश्चात माँ दुर्गा का आव्हान