ऐसे बरसे सावन - 10

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अभिराम अपनी बहन से शरारती अंदाज में क्या चिमपो तु कुछ भी पहन ले , लगेगी तो चिंपैंजी ही अधीरा, मुह बनाकर गुस्से मे भाई को आंखें दिखाते हुए भाईइइइ .....घर में बोलना मुझे कॉफी बनाने के लिए बिल्कुल भी नहीं बना कर दूंगी तब पीते रहना माँ के हाथ की कॉफी l ओहो, मेरी प्यारी बहन ऐसा ज़ुल्म मत करना मुझ पर ,चल तुझे जो चाहिए वो ले ले , मैं दिलाता हूं न तुझे अधीरा..ह्म्म्म्म ....अब आए न लाइन पर lअभिराम और अधीरा की नोक-झोंक में स्वरा अभिराम की आँखों से ओझल हो जाती हैं, वो फिर