काव्यजीत - 3

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खाली सी हो गई हूंखाली सी हो गई हु बिन तेरेकरने लगे हो बड़ा ही आजकल तुम नजरंदाजकभी जताते हो अहमियत मेरीअब बदलने लगे है क्यों तुम्हारे मिजाजकैसे परखे अब के उलझा बड़ा प्यार का जालकल तक थे तुम्हारे लिए खासआज बेपरवाही के अंदाजये तेरा इश्क भी बड़ा है कमालखाली सी ही आजकल करने लगे हो जब से नजरंदाजदिल लगाया ही क्यों जब बदलने थे धड़कनों के साजखुदगर्ज हो गए हो आजकल तुमजी रहे मेरी बिन अपनी जिंदगीसमझते नहीं मेरी तड़प बेखबर रहते हो इस बात सेतेरी याद में मेरी आंखें है कितनी उदासअब दिल का दर्द आंखो के जरिए