हार या जीत

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कोर्ट का आदेश आने के साथ ही माधुरी के चेहरे पर विजयी मुस्कान लहराने लगी, मानव की ओर घृणा भरी नजरों से देखा, गर्दन सीधी हो गई, दोनों कंधे अकड़ के कारण सीधे तन गए। लेकिन मानव हारे हुए जुआरी की भांति थके हुए कदमों को जबरदस्ती समेटता हुआ धीरे धीरे कोर्ट रूम से बाहर निकल गया और एक आटो रिक्शा में।,,, बैठ कर चला गया।,, मम्मा क्यों न सामने वाले रेस्टोरेंट में चल कर जश्न मनाया जाएं,,,।,, हां जीत का जश्न तो होना ही चाहिए,,,। मम्मा के कुछ कहने से पहले ही माधुरी के इकलौते भाई ने कहा, और