६२ जीने की चाह क्या होती है यह बात जिन क्षणों ने, सामने से मृत्यू देखा है उनको पुछना चाहिये कितनीही वेदनाओं से भरी जिंदगी हो फिर भी उसे जीवन के लिए मोह रहता है ऐसा क्या है जीवन में, व्यक्ति मृत्यू दूर रखने का ही प्रयास करता है मृत्यू के बाद क्या है ? उसका डर ? या मोहमयी दुनिया से बिछडने का गम ? ........................................... ६३ वेदना हृदय की गहराई में उतरती गई अहम स्मृती का निर्माल्य हो गया दुःख का फूल खिलकर पानी