प्रफुल्ल कथा - 8

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किसी ने सच ही लिखा है कि शब्दों में धार नहीं बल्कि आधार होना चाहिए | जिन शब्दों में धार होती है वो मन को काटते हैं और जिन शब्दों में आधार होता है वे मन को जीत लेते हैं | ” इस आत्मकथात्मक यात्रा में, जिसके आप सभी सहयात्री हैं , पता नहीं मेरे शब्द आपको आधार प्रदान कर पा रहे हैं अथवा नहीं ! मेरी यह लगातार कोशिश है कि यह लेखन मेरी निजी जीवन की ताक झाँक के साथ उस काल और उन महत्वपूर्ण घटनाओं को भी समेटे हुए हो जो प्राय: आप सभी के जीवन में