वो माया है.... - 73

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(73) अदीबा कुछ समय पहले ही दिल्ली से लौटकर आई थी। अपना सामान रखकर वह सोफे पर लेट गई थी। उसकी देखभाल के लिए उसके साथ रहने वाली अमीरन चाची ने उसे पानी लाकर दिया। उसने लेटे लेटे ही पी लिया। अमीरन ने कहा,"कितना थक गई हो कि बैठकर पानी भी नहीं पी सकती। ट्रेन में बैठकर आई हो या पीछे पीछे भागकर।"अमीरन की बात सुनकर अदीबा हंसकर बोली,"बैठकर ही आई हूँ चाची। पर बैठे बैठे थक गई।""बैठी क्यों रही ? रिजरवेसन नहीं कराया था।"अदीबा ने मुस्कुरा कर कहा,"चाची अब यह सब छोड़ो। अच्छी सी चाय बना दो। तुम्हारे हाथ