लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 43 गुरुवार 27/01/2000 सूर्यकान्त भांडेपाटील संकेत अपहरण केस में पुलिस की ढीले-ढाले रवैये से त्रस्त हो गया। अपने गुस्से को काबू करने की जगह उसने सीधे खंडाला में प्रेस कॉन्फ्रेन्स लेकर अपने भीतर का गुस्सा बाहर निकालने का पक्का इरादा कर लिया। प्रेस रिपोर्टरों के लिए एक बड़ी हैरत की बात थी। एक पकी-पकाई स्टोरी हाथ लगने वाली थी। उन्होंने अब तक किसी अपह्रत बच्चे के पिता का रौद्र रूप प्रत्यक्ष रूप में देखा नहीं था। सूर्यकान्त के एक-एक वाक्य के साथ पत्रकारों के बॉलपेन की गति कागज पर तेजी से बढ़ती जा रही थी। अपह्रत