लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 36 रविवार -13/12/1999 अजीतदादा पवार यानी महाराष्ट्र की राजनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ और उन्हें शरद पवार के राजनैतिक वारिस के रूप में भी देखा जाता था। अल्पभाषी, प्रखर और मुद्दों पर बात करने वाले नेता। मकरंद, सूर्यकान्त और नितिन उनके सामने बैठे ही थे और उन्होंने अपने पीए को आदेश दिया, “सातारा के एसपी सुरेश खोपडे को फोन लगाइए।” कुछ ही देर में खोपड़े साहब लाइन पर आ गए। अजीत दादा ने सीधा सवाल किया, “संकेत भांडेपाटील नाम के एक छोटे बच्चे के अपहरण के मामले को तेरह दिन बीत गए, पुलिस कर क्या रही