लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 27 मंगलवार, 07/12/1999 जिस समय शिरवळ के निवासी संकेत के अपहरण, दी गई फिरौती और मामले में छिपे रहस्य के बारे में चर्चा करने में व्यस्त थे, सूर्यकान्त का दिमाग उन अतिरिक्त एक लाख रुपए के बारे में सोचने में व्यस्त था. जो उस उसके वार्डरोब में मिले थे। वह उन्हें किस तरह सुरक्षित रखा जाए, ये भी सोच रहा था। सुरेश कुंभार न केवल उसे ईंट सप्लाई करने वाला व्यवसायी था, बल्कि वो एक अच्छा मित्र भी था। ‘सुरेश ने ये रुपए मुझे परसों दिए थे। जब मैंने उन्हें लेने से मना किया तो उसने