फादर्स डे - 23

  • 2k
  • 795

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 23 सोमवार, 06/12/1999 ड्राइवर सीट पर बैठा सूर्यकान्त और उसके दोस्तों की टीम को अपहरणकर्ता की डिमांड पूरा करने की जल्दबाजी थी। उनके पास फिरौती की रकम से भरा हुआ बैग था और वे तेजी से भागे जा रहे थे। अचानक, सूर्यकान्त चीखा और उनकी वैन एक झटके के साथ रुक गई। हर कोई चौंक गया। वे जानना चाहते थे कि आखिर हुआ क्या। संजय, जो वैन में सूर्यकान्त की बगल में बैठा हुआ था, उसने बताया कि कोई जानवर उनकी वैन के सामने से भाग रहा था, ब्रेक न लगाते तो वैन के पहियों के